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#FREE #MONTHLY #FUTUREFORECAST by #MAJORPRAMILASINGH (1st Jun'22 to 30th Jun'22)

    #ARIES : You will soon have a new perspective and great peace or satisfaction. Look to your inner world, change the way you react events. and choose to be happy.  When you let go of fear or doubt, success will come. Though nothing have changed significantly in your outer world you will have changed dramatically and you will revamping your  objectives of your approach all objectives or your objectives of your approach to life as such. #TAURUS :  It's the call of destiny that motivates you or compels you to go on , your desire is not in vain and that which vain and that which you are yearning for and will ultimately find fulfilment, follow what you know to be true for yourself with deep sincerity hopefully yourself with deep sincerity and affirm resolve and in due time you're stand in due time your star shall shine, things will work out better it's will work out better than expected and your faith in the future will burn brightly once more. #GEMINI : You wil...

ये हैं मेरे पिताजी के आंगन के मासूम फरिश्ते, क्या आप मिलना चाहेंगे?

सबसे ऊपर: पिताजी श्री श्यामवीर सिंहजी एवं मां विजेंद्री देवी द्वारा किए जा रहे जीवसेवा के कार्यों के संबंध में प्रकाशित समाचार। नीचे, बाएं: ये मासूम जानवर आज मेरे पिताजी की पनाह में हैं। काश कि दुनिया का हर जानवर इतने सुकून से नींद ले पाए! क्या सारे अधिकार हमारे ही हैं, इनका एक भी नहीं? नीचे, दाएं: मैं मेजर प्रमिला सिंह (से.नि.), मां और पिताजी के इस सेवाभाव को हृदय से नमन करती हूं। आप ही ने चलना सिखाया, आप ही ने राह दिखाई।

ये मेरे पिताजी के आंगन के फरिश्ते हैं, मासूम फरिश्ते। ऐसे फरिश्ते जो आपको कुदरत और कायनात से प्रेम करना सिखाते हैं। इन्हें देखकर हम महसूस कर सकते हैं कि इन्सान होने के असल मायने क्या हैं। 

ये कल तक बेघर थे; निराश्रित, आवारा, पीड़ित और परेशान ... इसे इनकी खुशकिस्मती कहूंगी कि पिताजी श्री श्यामवीर सिंहजी इन तक पहुंचे। दरसअल, उन्होंने इनकी मां को सहारा दिया जो बाहर घायल अवस्था में थी। पिताजी ने उसकी सेवा की ताकि वह भूख और बीमारी से सुरक्षित रहे। अब ये सब उनके परिवार के सदस्य हैं। हमारे बहुत खास, बहुत प्यारे और दिल के बेहद करीब।

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... और यह सब संभव हो पाया पिताजी के सेवाभाव, दुखियों के प्रति करुणा और दया के कारण। पिताजी ने निस्वार्थ भाव से जीवसेवा का जो मार्ग चुना, वह आसान नहीं है। इसमें बहुत परिश्रम और संसाधन लगते हैं लेकिन जब आप इन जानवरों को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि सदियों की तपस्या सफल हो गई। 

आज ये जानवर हमारे साथ रहते हैं। उनका सुख-दुख पिताजी और हम सबका सुख-दुख है। ये जानवर जिस प्रेम और आभार के साथ पिताजी की ओर देखते हैं, उससे लगता है कि संसार का सबसे अनमोल धन भी इस अहसास के सामने कुछ नहीं है। 

पिताजी इस सेवायात्रा में मेरे पथप्रदर्शक एवं प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने मुझे इसका हौसला दिया। वे पिछले करीब साढ़े तीन दशकों से बेसहारा जानवरों की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं और इसके लिए पूरी राशि अपनी कमाई, बचत और पेंशन से खर्च कर रहे हैं। अगर मैं उनके सेवाभाव का थोड़ा भी अंश स्वयं में जाग्रत कर सकूं तो समझूंगी, धरती पर मेरा जीवन सफल हो गया। 

.. मेजर प्रमिला सिंह (से.नि.) ..

ज्योतिषी, भविष्यवेत्ता, टैरोकार्ड रीडर एवं जीवदया कार्यकर्ता

मो. नं. वॉट्सऐप: 8289027288 या कॉल 8761993007

आइए, आज मैं आपको मिलाती हूं हमारे परिवार के कुछ 'नटखट' सदस्यों से।


'कट्टी और बट्टी' यही है ज़िंदगी। अगर सीखना चाहें तो बिल्लियों के पास हमारे लिए कई अच्छे सबक हैं। 


मैं गाऊं, तुम सो जाओ ... सुख सपनों में खो जाओ।




दुनिया की दौलत एक तरफ और ऐसा सुकून एक तरफ। फिर भी यह बेशकीमती और बेमिसाल।




किताबों में पढ़ा था ना 'जीओ और जीने दो? बस, यह वही है। 




यह तस्वीर नींद से पहले की है या बाद की? ज़रा अंदाजा लगाएं।




मां की गोद ठंडी छांव, यह बात इंसानों के लिए ही नहीं, इनके लिए भी है।




सावधान और लक्ष्य पर नज़र। फोटो की फोटो, और एक बड़ा सबक।




और यह है हमारे परिवार का एक नन्हा सदस्य। स्वागत नहीं करोगे?




ये हैं कुछ आराम के लम्हे। 




क्या कहूं इन आंखों पर, बस कुर्बान जाऊं तेरी मासूमियत पर!




मम्मी! मुझे छिपा लो!!




मां और मैं; गोद की यह गर्माहट सबसे बड़ा सौभाग्य है।




सुख की ​नींद और सुकून ही सुकून। इससे ज्यादा और क्या चाहिए?




यह लॉकडाउन कब खत्म होगा?



जान तो सबमें एक ही है, चाहे इन्सान हो या जानवर। सबमें एक ही ब्रह्म है।



हम सब हैं दोस्त, यहां कोई नहीं पराया। बिल्लियों के बीच जो 'बब्बर शेर' दिखाई दे रहा है, यह तब दो माह का था जब मैं इसे लेकर आई। एक शख्स ने इसे कुछ चावलों के साथ लावारिस हालत में छोड़ दिया था। इसके शरीर में कीड़े पड़ गए थे। मैंने इसे साफ किया, नहलाया और मेरी बिल्लियों ने इसे परिवार के सदस्य की तरह अपनाया, चाटकर पुचकारा, सहलाया। आज यह हमारे सामने है। यह मेरी बिल्लियों का बॉडीगार्ड है अथवा यूं कहूं कि एक पिता जैसा साया। मेरी दर्जनभर बिल्लियां बाहर जाती हैं तो यह उनके साथ निकलता है। अगर कॉलोनी में कोई श्वान (डॉग) उन पर हमले या भिड़ने की जुर्रत करता है तो उसकी अक्ल ठिकाने लगा देता है। 

... और यह सब मैं इसलिए कर पा रही हूं क्योंकि टैरोलॉजी के जरिए आप मुझसे सेवाएं ले रहे हैं। आप ही तो हैं जिनके शब्द हमें हिम्मत बंधाते हैं। आप द्वारा भेजी जाने वाली सलाह राशि का पूरा हिस्सा इन्हीं पर खर्च होता है। आपसे गुजारिश है कि टैरोलॉजी की सेवाएं लीजिए, यह एक पुण्य कार्य है ताकि ऐसे अन्य जीवों की ज़िंदगी थोड़ी आसान बना स​कें।

#कोरोना की वजह से पैदा हुईं #आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए #सलाह राशि में #70 प्रतिशत की #छूट दी जा रही है। सलाह राशि के तौर पर आपके द्वारा दी जाने वाली रकम का इस्तेमाल #बेसहारा जानवरों की ज़िंदगी बचाने, उन्हें #इलाज, #भोजन, #आसरा मुहैया कराने और उन पर #क्रूरता रोकने के लिए किया जाएगा।


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